शरीर के रोग को बताता है जीभ का रंग, जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

शरीर के रोग को बताता है जीभ का रंग, जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

सेहतराग टीम

हमारे शरीर के सभी अंग महत्वपुर्ण होते हैं और वो अपना काम करते हैं। वहीं अगर कोई अंग काम करना बंद कर दे तो जिंदगी खराब हो जाती है। इसलिए तो डॉक्टर हमेशा सभी अंगों का ख्याल रखने को बोलते हैं। हमारे शरीर के सभी अंग बेहद महत्वपुर्ण होता हैं लेकिन जीभ हमारी बॉडी का बेहद अहम हिस्सा होता है। अहम होने के कारण उसको महत्व भी दिया जाता है लेकिन कई बार अन्य पार्ट्स के मुकाबले हम जीभ को उतना महत्व नहीं देते हैं जितना देना चाहिए। पर एक वैज्ञानिक शोध में दावा किया गया है कि हेल्दी लाइफ के लिए जीभ का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऑस्ट्रेलिया में हुए एक अध्ययन में दंत चिकित्सकों ने बताया है कि जीभ के कलर में हल्का सा परिवर्तन भी कई बीमारियों के संकेत हो सकते हैं।

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इमरजेंसी डेंटिस्ट सिडनी के चिकित्सकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि जीभ में सामान्य परिवर्तन जैसे कि जीभ पर सफेद धब्बे बनना, जीभ में सूजन आना, उभार आना, ज्यादा लाल होना कई बीमारियों के पूर्व संकेत हैं। इमरजेंसी डेंटिस्ट सिडनी के मुताबिक, अगर जीभ पर सफेद पैचेज आ जाएं, स्ट्रॉबेरी की तरह लाल दिखने लगे, असामान्य उभार आ जाएं और दर्द होने लगे, तो तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए।

सफेद धब्बे ल्यूकोप्लाकिया के संकेत

आमतौर पर जीभ का कलर पिंकिंश होना चाहिए। जीभ के ऊपर 9000 बड्स यानी दाने होते हैं, जो विभिन्न तरह के फ्लेवर, स्वाद, खट्टापन, मीठापन इत्यादि की पहचान करते हैं। लेकिन अगर इन बड्स में उभार ज्यादा हो जाए और ये बहुत दिनों के बाद भी खत्म न हों, तो यह खतरे की निशानी हो सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, अगर जीभ में सफेद धब्बे दिखने लगे तो यह ल्यूकोप्लाकिया बीमारी का संकेत है। आमतौर पर यह यीस्ट इंफेक्शन के कारण होती है। यह बीमारी तंबाकू और ज्यादा शराब पीने से होती है। एक सप्ताह से ज्यादा अगर ये धब्बे न जाएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

स्ट्रॉबेरी की तरह लाल दिखना भी खतरे की घंटी

आमतौर पर जीभ में छोटे-छोटे दाने निकलते रहते हैं और अपने आप खत्म भी हो जाते हैं, लेकिन अगर ये खत्म न हों तो यह हर्प इंफेक्शन (एक प्रकार का चर्म रोग) हो सकता है। इसी तरह अगर जीभ स्ट्रॉबेरी की तरह लाल दिखने लगे तो यह बैक्टीरिया का इंफेक्शन है। इससे कुछ दिनों के बाद जीभ को स्वाद की पहचान में दिक्कत होने लगती है। यह ज्यादा दिनों तक बना रहे तो इससे स्कारलेट फीवर भी हो सकता है। गर्म चाय या कॉफी पीन पर जीभ में हल्की सी सूजन आ जाती है। लेकिन अगर यह जल्दी सही नहीं हो तो यह हानिकारक हो सकता है। इसके लिए जीभ पर बर्फ लगानी चाहिए। इससे भी अगर सही नहीं हो तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी हो जाता है।

 

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